मेरठ, नवम्बर 16 -- लाइब्रेरी में लाखों किताब रखी हों और इनमें से कोई किताब इधर-उधर हो जाए तो इसे खोजना कितना मुश्किल होगा। लेकिन किसी भी कोने में रखी किताब खुद लोकेशन बताने लगे तो कैसा हो? ना ढूंढने का झंझट और ना ही गुम होने का डर। क्लिक करते ही किताब बताने लगेगी कि वह लाइब्रेरी में कहां छुपी है। इस पहल से छात्रों द्वारा पढ़ने के बाद किताबों को निर्धारित स्थान पर रखने के बजाय कहीं भी रखने से होने वाली परेशानी हमेशा के लिए खत्म हो जाएगी। छात्रों को भी समय से पलभर में किताबों की लोकेशन बताकर आवंटित किया जा सकेगा। किताबों के गुम होने का यही समाधान चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी कैंपस की सेंट्रल लाइब्रेरी में होने जा रहा है। पीएम ऊषा स्कीम के तहत सेंट्रल लाइब्रेरी में 70 लाख की लागत से सभी किताब एवं पत्रिकाओं की क्रिप्टो कोडिंग की जाएगी। विशेष सॉ...