हरिद्वार, फरवरी 18 -- हरिद्वार, संवाददाता। उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय के शिक्षकों और छात्रों ने डीएमके सांसद दयानिधि मारन के संस्कृत विरोधी बयान के खिलाफ प्रदर्शन किया। आचार्यों ने कहा कि संस्कृत भारत की धरोहर है और इसका विरोध करना संस्कृति, परंपरा, और सभ्यता के खिलाफ है। सांसद मारन का संस्कृत का विरोध करना भारत विरोधी मानसिकता को दर्शाता है। प्रदर्शनकारियों ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के संस्कृत को प्रोत्साहित करने के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने डीएमके सांसद दयानिधि मारन से अपना वक्तव्य वापस लेने की मांग की। इस दौराव डॉ. प्रकाश चंद्र पंत, चंद्र प्रकाश पांडे, प्रवीण बंगवाल, धर्मेंद्र कुमार, गगनदीप गुरागांई, विनय पाठक, अभिषेक मिश्रा, कमल, दीपांशु, और केवल दत्त आदि शामिल थे।

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