नई दिल्ली, अक्टूबर 17 -- नई दिल्ली, प्रमुख संवाददाता। स्कूलों में आठवीं कक्षा से छात्रों को सीपीआर (कार्डियो पल्मोनरी रिससिटेशन) का पाठ पढ़ाने की तैयारी है। एम्स के इमरजेंसी मेडिसिन के डॉक्टर बाकायदा एक अध्ययन करने के बाद नीति आयोग और सीबीएसई से इसकी सिफारिश कर चुके हैं। एक दौर की वार्ता भी हो चुकी है। एम्स में शुक्रवार को सीपीआर जागरुकता सप्ताह के मद्देनजर आयोजित एक कार्यक्रम में इमरजेंसी मेडिसिन के प्रोफेसर डॉ. संजीव भोई ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि असमय दिल की धड़कन रुकने के कारण होने वाली मौतों को कम करने के लिए छात्रों को सीपीआर की जानकारी देकर राष्ट्रीय जीवन रक्षक बनाना जरूरी है। उन्होंने कहा कि भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के सहयोग से दिल्ली के 15 स्कूलों के तीन हजार बच्चों पर एक अध्ययन किया गया। इसमें आठवीं...