विकासनगर, जुलाई 29 -- अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस के अवसर पर पछवादून विकास मंच ने राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय लक्खनवाला में गोष्ठी आयोजित की। वक्ताओं ने बाघ संरक्षण के लिए जागरूकता बढ़ाने पर बल देते हुए विद्यार्थियों को बताया कि बाघ संरक्षण का उद्देश्य उनको विलुप्त होने से बचाना और उनके प्राकृतिक आवास को सुरक्षित करना है। मंच संयोजक अतुल शर्मा ने विद्यार्थियों को बताया कि बाघ और अन्य पशु पक्षी सभी प्रकृति के अच्छे संवाहक हैं। प्रकृति को अगर बचाना है तो प्रकृति के संवाहक सभी तत्वों को बचाना भी जरूरी है। उन्होंने बताया कि भारत में प्रोजेक्ट टाइगर साल 1973 में शुरू हुआ था। जिसमें कई वन्य जीवों की प्रजातियों के खतरे और अवैध शिकार से भारत में जंगलों के सिकुड़ने पर भी गंभीर चिंता व्यक्त की गई थी। आज अनेक संस्थाएं अपने-अपने स्तर से बाघों को बचाने ...