वाराणसी, नवम्बर 13 -- वाराणसी, वरिष्ठ संवाददाता। कमच्छा स्थित वसंत कन्या महाविद्यालय में चल रही पुरातत्व कार्यशाला में बुधवार को छात्राओं ने प्रस्तर युगीन मानव के उपकरण बनाने की तकनीक सीखी। नालंदा से आए अतिथि वक्ता डॉ. तोषाबन्ता पधान ने कोर और फ्लेक पर बने उपकरणों के निर्माण का तकनीकी पक्ष और पत्थर के प्रयोग पर निर्भर आदिमानवों की जीवन प्रणाली को समझाया। 'इतिहास के आरंभ और मानव जीवन के संघर्षों में तकनीक की अहम भूमिका' विषयक छह दिनी कार्यशाला के तीसरे दिन की शुरुआत प्रो. विदुला जायसवाल के व्याख्यान से हुई। उन्होंने यूरोप में अश्यूलियन संस्कृति, उनके उपकरणों की विशेषताओं और सांस्कृतिक संदर्भों को विस्तारपूर्वक समझाया। प्रो. जायसवाल ने बिहार के पुरा ऐतिहासिक स्थल 'पैसरा' के पुरातात्विक महत्व पर बात की। बीएचयू के प्राचीन भारतीय इतिहास विभाग ...