लखनऊ, जुलाई 16 -- अवैध धर्मांतरण का मुख्य आरोपी छांगुर बाबा प्रकरण में शासन जल्दी ही बड़ी कार्रवाई करने की तैयारी में है। अब तक की एसटीएफ की गोपनीय जांच में बलरामपुर में वर्ष 2019 से 2024 के बीच तैनात रहे एक एडीएम, दो सीओ और एक इंस्पेक्टर की भूमिका संदिग्ध पाई गई है। इनमें एक एडीएम व इंस्पेक्टर के बारे में एसटीएफ को भी साक्ष्य मिले थे। उस समय कार्रवाई नहीं की गई थी। कई तथ्यों से जुड़े साक्ष्य मिलते ही इन अफसरों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। दावा किया जा रहा है कि इन चार अफसरों को चिन्हित किया जा चुका है। जल्दी ही दो तहसीलदार समेत कुछ और अफसरों को चिन्हित कर लिया जाएगा। जांच अफसरों के मुताबिक छांगुर ने वर्ष 2023 में 12 नवम्बर को नीतू के नाम उतरौला में जमीन तहसीलकर्मियों की मदद से खरीदी थी। खतौनी में इस जमीन को नीतू के नाम चढ़वा भी दिया गया। ...