उन्नाव, नवम्बर 1 -- उन्नाव। जिला अस्पताल के डायग्नोस्टिक ब्लॉक की लैब में अनधिकृत लैब असिस्टेंट के काम करने की खबर ने मरीजों के भरोसे के साथ स्वास्थ्य तंत्र की जड़ों को हिला दिया। बाहरी युवक एक दो दिन से नहीं बल्कि करीब छह माह से लैब में मरीजों की सैंपलिंग, जांच व रिपोर्ट जैसे महत्वपूर्ण काम करता रहा। मामला उजागर हुआ तो अस्पताल प्रशासन ने उसे ट्रेनी बताकर मामला दबाने की कोशिश शुरू कर दी है। सऐसे में बड़ा सवाल यह है कि ट्रेनिंग के तौर पर अस्पताल प्रशासन की ओर से प्रशिक्षुओं को एक माह का ही समय दिया जाता है, तो इस युवक पर इतना रहमोकरम क्यों किया गया। उधर मामले की गंभीरता को देखते हुए अधिकारियों ने भी मामले को संज्ञान में लिया है। युवक किसकी अनुमति पर लैब में प्रवेश पा रहा था इसकी जांच शुरू कर दी गई है। जबकि युवक की पढ़ाई भी अभी पूरी नहीं हुई ...