सहारनपुर, अगस्त 30 -- दशलक्षण पर्व के तीसरें दिन नगर के चारों जैन मंदिरों में उत्तम आर्जव धर्म की पूजा की गई। इस दौरान आचार्य 108 अरुण सागर महाराज ने ने बताया कि अपने भीतर से छल कपट को त्यागकर सरल जीवन जीना ही उत्तम आर्जव धर्म है। मोहल्ला चाहपारस स्थित सरावाड़ा मंदिर में आचार्य 108 अरुण सागर महाराज ने बताया कि जब तक मनुष्य अपने भीतर से छल कपट और मायाचारी को त्यागकर सादगी भरा जीवन व्यतीत नहीं करेगा तब तक वह उलझनों में ही उलझा रहेगा। जब हमारे भीतर कठोरता का वास होता है तो आसपास का परिवेश भी दूषित हो जाता है। इसलिए हमें अपने व्यवहार से किसी को कष्ट नहीं पहुंचाना चाहिए। उन्होंने श्रद्धालुओं को ईमानदारी, सरलता, सादगी व मन को कोमल रखने की शिक्षा दी। इस दौरान श्रद्धालुओं ने श्रीजी का अभिषेक और नित्य नियम पूजन करने के साथ ही तीसरे अध्याय के 39 अर्...