मिर्जापुर, अक्टूबर 12 -- जिगना, हिन्दुस्तान संवाद। क्षेत्र के सिहौली गांव में सरस्वती रामलीला समिति के बैनर तले चल रही रामलीला के छठवें दिन रामचंद्र जी सीता और लक्ष्मण के साथ चित्रकूट में अत्रिमुनि के आश्रम पहुंचते हैं। जहां माता अनसुईया सीता जी को नारी धर्म की शिक्षा और दिव्य वस्त्र आभूषण प्रदान करती हैं। वहां से आगे पंचवटी पहुंचते हैं। जहां पर सूर्पणखा मिलती है। राम को देख कर मोहित हो जाती है। प्रभु श्रीराम सुपर्णखा के विवाह प्रस्ताव को यह कहते हुए ठुकराते देते हैं कि एक नारी व्रत रखता हूं। अपनी को छोड़ सभी को माता बहन समझता हूं। तब वह आक्रोशित होकर विकराल रूप धारण कर सूर्पणखा सीता माता पर धावा बोल देती है। लक्ष्मण जी क्रोधित होकर उसका नाक काट देते हैं। सूर्पणखा यह बात जा कर रावण से बताती है। रावण अपने मायावी मामा मारीच के पास जाकर राम ...