रितेश मिश्रा, मार्च 23 -- छत्तीसगढ़ सरकार एक नई सरेंडर और पुनर्वास नीति शुरू करने जा रही है। इसके तहत माओवादी हमलों में मारे गए पुलिस मुखबिरों (गोपनीय सैनिकों) के परिवारों के लिए मुआवजे की राशि को 5 लाख से बढ़ाकर 10 लाख रुपए कर दिया जाएगा। एक अधिकारी ने कहा कि नीति को अभी आधिकारिक रूप से अधिसूचित किया जाना बाकी है, लेकिन इसे जल्द ही लागू किए जाने की उम्मीद है। पुलिस मुखबिर या गोपनिया सैनिक वे होते हैं जो बस्तर क्षेत्र में माओवाद विरोधी अभियानों के दौरान पुलिस की सहायता करते हैं। इनमें अक्सर आत्मसमर्पण करने वाले माओवादी भी शामिल होते हैं। छत्तीसगढ़ सरकार के एक आईएएस अधिकारी ने कहा कि नई नीति वित्तीय सहायता, शिक्षा और रोजगार पर ध्यान केंद्रित करके माओवादी आंदोलन की अपील को दबाने और उग्रवाद को बढ़ावा देने वाली सामाजिक-आर्थिक असमानताओं को दूर...