बीजापुर, अक्टूबर 12 -- छत्तीसगढ़-तेलंगाना बॉर्डर के पास एक जगह है, नाम है कर्रेगुट्टा। इस इलाके को नक्सलियों का गढ़ कहा जाता है। अगर किसी को मालूम हो तो यह वही जगह है जहां इसी साल अप्रैल-मई के बीच सबसे बड़े नक्सल विरोधी अभियान चलाया गया था। तब कुल 31 माओवादियों को ठिकाने लगाया गया था। अब 6 महीने बाद सीआरपीएफ कर्रेगुट्टा पहाड़ियों में अपने जवानों के लिए एक कमांडो प्रशिक्षण स्कूल स्थापित करने की योजना बना रहा है। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि इस उबड़-खाबड़ (rugged) वाली इस जगह में एक उपयुक्त स्थान ढूंढ़ने के लिए सर्वेक्षण किया जा रहा है। यह इलाका लगभग 60 किलोमीटर लंबा और 5-20 किलोमीटर चौड़ा है और यहां गुफाओं और बंकरों के अलावा मधुमक्खियां, चमगादड़, भालू और तरह-तरह के कीड़े भी मौजूद हैं।ऑपरेशन ब्लैक फॉरेस्ट CRPF की जंगल युद्ध कमांडो इकाई कोबर...