नवादा, अक्टूबर 26 -- नवादा, हिन्दुस्तान संवाददाता। छठ महापर्व की छटा हर ओर बिखरी है। घरों में गूंजते गीत, नहाय-खाय के लिए घाटों पर उमड़ती भीड़ और आस्था से भरे चेहरे बता रहे कि सिर्फ अनुष्ठान नहीं, बल्कि जन-जीवन की आत्मा में रचा-बसा उत्सव महापर्व छठ अब जिले भर में परवान पर है। इसी आस्था की एक अनोखी मिसाल हैं नवादा शहर के गढ़पर मोहल्ले की चंचला देवी, जो लगभग 35 वर्षों से निरंतर छठ व्रत कर रही हैं। उनसे पहले उनकी सास शांति देवी यह व्रत करती थीं, और उससे पहले उनकी सास संफूलवा देवी भी इस परम्परा को निभाती आ रही थीं। यानी इस परिवार में तीन पीढ़ियों से छठ व्रत की अखंड परम्परा चल रही है। चंचला देवी बताती हैं कि उनके घर में छठ महापर्व सिर्फ धार्मिक आस्था का प्रतीक नहीं, बल्कि परिवार और समाज को जोड़ने वाला पवित्र बंधन है। उनकी सास शांति देवी के समय...