मुरादाबाद, मार्च 8 -- माहे रमजान और पहले अशरे का छठा रोजा भी इबादत में गुजरा। लोगों ने सुबह से ही कुरान-ए-करीम पढ़ना शुरू कर दिया। दोपहर तक कुरान की आयतें गूंजती रहीं। इसके बाद लोग रोजा इफ्तारी की तैयारियों में जुट गए। इफ्तारी के बाद एक बार फिर इबादत का दौर शुरू हो गया। मगरिब की नमाज, ईशा की नमाज और तरावीह का दौर रात तक चलता रहा। उधर कुछ स्थानों पर तरावीह में कुरान-ए-करीम मुकम्मल हो गया। इसके बाद तबर्रुख बंटा और मौलाना को कपड़े आदि भेंट किये। सुबह सहरी के बाद से ही लोगों ने कुरान-ए-करीम पढ़ना शुरू कर दिया। कुछ लोगों ने सोने के बाद उठने पर इबादत शुरू की। बच्चों के साथ महिलाओं ने भी घरों में कुरान-ए-करीम पढ़ा। जबकि पुरुषों ने मस्जिदों में जाकर इबादत की। शाम को इफ्तारी के बाद नमाज अदा की गई। इसके बाद मगरिब और ईशा की नमाज अदा की गई और तरावीह ...