गिरडीह, अगस्त 17 -- जमुआ। आज के इस दौर में युवाओं को मोबाइल और इधर-उधर के कार्यों में मन ज्यादा लगता है। लेकिन आज भी बहुत से ऐसे युवा हैं जो अपने देश के प्रति सोचते हैं और करते भी हैं। बता दें कि पिछले आठ सालों से जमुआ के कुछ युवा 15 अगस्त और 26 जनवरी के अगले दिन सुबह में विद्यालयों, गांव-कस्बों, चौक-चौराहों आदि स्थानों से बिखरे हुए तिरंगे को उठाकर किसी सुरक्षित स्थान पर रख देते हैं ताकि झंडा किसी के पैरों के तले कुचला न जाए। रोड के किनारे बिखरा न रहे। जमुआ निवासी आकाश कुमार साहा ने बताया कि आजादी का महापर्व लोग बड़े उल्लास के साथ मनाते हैं। लेकिन अगले दिन ही झंडे को सड़कों पर इधर-उधर छोड़ देते हैं जो बेहद ही दुर्भाग्यपूर्ण है। हमलोग राष्ट्रीय पर्व मनाते हैं ताकि हम उन वीरों की शौर्य गाथाओं को बार-बार दोहरा सकें। कहा कि बिखरे हुए झंडे का ...