गुमला, मई 13 -- चैनपुर, प्रतिनिधि। प्रखंड मुख्यालय से लगभग 20 किमी दूर बसे सकरा,डीपाडीह और बेहराटोली गांव आज भी सड़क जैसी बुनियादी सुविधा से वंचित हैं। करीब छह सौ की आबादी वाले इन गांवों के लोग आज़ादी के 77 वर्ष बाद भी कच्चे कीचड़युक्त रास्तों से गुजरने को मजबूर हैं। बरसात के मौसम में हालात और भी भयावह हो जाते हैं,जब पैदल चलना भी मुश्किल हो जाता है। कार-जीप तो छोड़िए, बाईक भी नहीं चल पाते। इलाके के ग्रामीण बताते हैं बीमार व्यक्तियों और गर्भवती महिलाओं को चारपाई पर लिटा कर मुख्य सड़क तक पहुंचाना पड़ता है। 108 एंबुलेंस सेवा भी गांव तक नहीं पहुंच पाती। स्कूल जाने वाले बच्चों को बरसात में रास्ते कीचड़ से भर जाने के कारण कई बार पढ़ाई छोड़नी पड़ती है या मजबूरी में चैनपुर में डेरा लेकर पढ़ाई करनी पड़ती है। जिससे अतिरिक्त आर्थिक बोझ भी पड़ता है। ...
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