लखनऊ, जून 25 -- पावर कॉरपोरेशन अध्यक्ष डॉ. आशीष गोयल के जल का विकल्प वाले बयान पर बिजली कर्मियों ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने कहा है कि उनका बयान दमन की नीयत वाला है। हम डरेंगे नहीं बल्कि निजीकरण का टेंडर निकलते ही जेल भरेंगे। आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ पर बिजली कर्मचारियों ने अपने आंदोलन के दौरान अन्याय और दमन के विरोध में निजीकरण का टेंडर होते ही जेल भरो आंदोलन चलाने का संकल्प जोरदार ढंग से व्यक्त किया। संघर्ष समिति के संयोजक शैलेंद्र दुबे ने कहा कि मंगलवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में पावर कॉरपोरेशन के चेयरमैन ने सभी एमडी और उच्चाधिकारियों को निर्देश दिए कि जो कर्मचारी जेल जाना चाहते हैं, पूछ लिया जाए। दो दिनों में रजिस्टर पर उनसे विकल्प ले लिया जाए। जो कर्मचारी जेल जाना चाहते हैं, मैं उन्हें ससम्मा...