नई दिल्ली, नवम्बर 17 -- चेतेश्वर पुजारा को धैर्य की मूरत कहा जाता है, क्योंकि उनका खेल में उनकी शैली ही ऐसी रही है। हालांकि, क्रिकेटर से कमेंटेटर बनने के बाद उनका धैर्य उस समय जवाब दे गया, जब भारतीय टीम को कोलकाता के ईडन गार्डेंस में साउथ अफ्रीका के खिलाफ शर्मनाक हार झेलनी पड़ी। टीम इंडिया 124 रनों का टारगेट चेज करते हुए 93 रनों पर ढेर हो गई और मैच 30 रनों के अंतर से हार गई। इस हार को लेकर चेतेश्वर पुजारा ने कहा है कि हार पचने वाली नहीं है और यह अस्वीकार्य है। हालांकि, यह कोई रहस्य नहीं है कि रविचंद्रन अश्विन, विराट कोहली, रोहित शर्मा और खुद चेतेश्वर पुजारा के संन्यास के बाद टीम बदलाव के दौर से गुजर रही है, लेकिन 37 वर्षीय पुजारा ने इस धारणा को कमजोर बताते हुए कहा कि भारत में प्रतिभाशाली खिलाड़ियों की भरमार है। ऐसे में कम से कम भारत को घर...
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