लखनऊ, अक्टूबर 29 -- उपभोक्ताओं में स्मार्ट प्रीपेड मीटर की रीडिंग को लेकर भ्रम है। पुराने मीटरों में से पांच प्रतिशत मीटर जो चेक मीटर के तहत उपभोक्ताओं के घरों पर लगे रहने दिए गए हैं, उनकी रिपोर्ट सार्वजनिक न होने से यह भ्रम और भी बढ़ता जा रहा है। उपभोक्ता मांग कर रहे हैं कि चेक मीटरों की रिपोर्ट सार्वजनिक की जाए ताकि स्मार्ट प्रीपेड मीटरों और पुराने पोस्ट पेड मीटरों की रीडिंग की मिलान हो सके। केंद्र सरकार की रिवैंप डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम (आरडीएसएस) के तहत प्रदेश भर के उपभोक्ताओं के यहां पुराने मीटरों की जगह स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाए जा रहे हैं। केंद्र सरकार ने योजना को मंजूरी देते हुए आदेश दिए थे कि पुराने मीटरों में से पांच प्रतिशत को उपभोक्ताओं के घरों पर ही लगे रहने दिया जाए ताकि दोनों की रीडिंग का मिलान हो सके और उपभोक्ताओं में ...