नई दिल्ली, सितम्बर 26 -- सुप्रीम कोर्ट ने जिला अदालतों में 'बहुत अधिक संख्या में' 'चेक बाउंस' मामले लंबित रहने पर चिंता जताई। अदालत ने उन्हें कम करने के लिए नए दिशानिर्देश जारी किए हैं। न्यायमूर्ति मनमोहन और एन. वी. अंजारिया की पीठ ने कहा कि यह अदालत इस तथ्य का न्यायिक संज्ञान लेता है कि इस अदालत द्वारा बार-बार दिए गए निर्देशों के बावजूद भारत की जिला अदालतों में निगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट (एनआई) अधिनियम के तहत चेक बाउंस के लंबित मामलों की संख्या अब भी बहुत अधिक है। शीर्ष अदालत ने नए दिशानिर्देश जारी करने का फैसला करते हुए कहा कि एनआई अधिनियम की धारा 138 के तहत दायर शिकायत में आरोपियों को समन की तामील शिकायतों के निपटारे में देरी का एक मुख्य कारण बनी हुई है। संशोधित दिशानिर्देशों के तहत, यदि आरोपी अपने साक्ष्य (बचाव पक्ष के साक्ष्य) दर्ज होने ...