पटना, अगस्त 19 -- भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) ने कहा कि चुनाव आयोग ने अपनी प्रेसवार्ता में उठाये गए गंभीर सवालों का जवाब नहीं दिया। भाकपा के बिहार राज्य सचिव रामनरेश पाण्डेय ने कहा कि चुनाव आयुक्त बताएं कि बिहार में अचानक बिहार विधानसभा चुनाव के मौके पर विशेष गहन पुनरीक्षण की जरूरत क्यों पड़ी? उन्होंने गंभीर आशंका जताई कि जो 65 लाख नाम कटे हैं, उनमें अधिकतर गरीब और असहाय मतदाता हैं। एक माह की अल्पावधि में उनका शारीरिक रूप से उपस्थित होकर दस्तावेज के साथ प्रपत्र जमा करना कठिन कार्य है।
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