नई दिल्ली, जुलाई 14 -- दलाई लामा ने कहा है कि भारत वह भूमि है, जहां आज भी बौद्ध धर्म को फलने-फूलने का पूरा मौका मिल रहा है। वहीं चीन में धार्मिक स्वतंत्रता का अभाव है। उन्होंने कहा कि तिब्बत में बौद्ध धर्म का बहुत नुकसान हुआ है। वहीं भारत में आज भी बौद्ध परंपरा और संस्कृति सुरक्षित है। 90 साल के हो चुके तिब्बती धर्मगुरु ने तिब्बत से निर्वासन के बाद उन्हें शरण देने के लिए भारत का आभार जताया । उन्होंने कहा कि भारत ने बहुत सारे तिब्बतियों को शरण दी है। भारत के सहयोग से ही बौद्ध दर्शन जीवित है।चीन में धार्मिक पाबंदियां दलाई लामा ने कहा कि चीन में धर्म पर भी राजनीति का नियंत्रण है। ऐसे में वहां अध्यात्मिक विकास नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि एक तरफ चीन में राजनीति धर्म का गला घोंट रही है। वहीं भारत में बौद्ध धर्म को गहराई से समझने का मौका मिलता...