रांची, अगस्त 4 -- झारखंड में आदिवासी अधिकारों की लड़ाई लड़ने वाले नेता शिबू सोरेन ने दुनिया को अलविदा कह दिया है। शिबू सोरेन के साथ एक काला अध्याय भी जुड़ा रहा, जिसके चलते अदालत ने पहले गैर जमानती वारंट जारी किया, फिर वो लंबे समय तक अंडरग्राउंड हो गए और बाद में कोर्ट से बरी हुए। दरअसल पूरा मामला 11 लोगों के नरसंहार से जुड़ा था, जिसमें शिबू सोरेन पर आरोप था कि उन्होंने भीड़ को इस हिंसा के लिए उकसाया था। जानिए क्या था पूरा मामला।11 आदिवासियों के नरसंहार की कहानी बात आज से करीब 50 साल पहले की है। साल 1975 में शिबू सोरेन की अगुवाई में आदिवासी कार्यकर्ता चिरूदीह में एक रैली कर रहे थे। इसी दौरान ज़मींदार समर्थकों और पुलिस की ओर से आदिवासियों पर हमला हुआ। इसमें 10 से अधिक आदिवासी मारे गए और दर्जनों घायल हो गए। इस घटना ने पूरे इलाके में आक्रोश फै...