छपरा, अक्टूबर 24 -- डोरीगंज, एक संवाददाता । परमतीर्थ चिरांद के प्राचीन अयोध्या मंदिर में कार्तिक मास में कल्पवास अनुष्ठान कर रहे परम तपस्वी श्रीश्री 1008 मौनी बाबा ने शुक्रवार को प्रवचन देते हुए भक्तों के समक्ष श्रीराम के आविर्भाव के पूर्व की कथा सुनायी। स्वामीजी ने कहा कि वेद-पुराण, रामायण सभी ग्रंथों का मत है कि श्रीराम महाविष्णु हैं। इनके अवतार के लिए प्रकृति को अनुकूल बनाने वाली विद्या जिस तपोभूमि पर प्रकट हुई थी वह आज का चिरांद है। कालचक्र के प्रभाव से इस परम तीर्थ गौरव लुप्त और जागृत होता रहा है। यही कारण है कि इस तपोभूमि के गर्भ से हजारों वर्षों के गौरवषाली इतिहास के प्रमाण मिलते रहे हैं। गंगा-सरयू व सोन के संगम पर स्थित पुरातात्विक व ऐतिहासिक स्थल चिरांद एक ऐसा ही परम तीर्थ है जो धीरे-धीरे जागृत हो रहा है। यह विश्व के दुर्लभ पुरात...