कानपुर, नवम्बर 23 -- चिन्मय मिशन के मर्चेंट चैंबर में चल रहे आयोजन में स्वामी अद्वैतानंद जी ने भक्त, भक्ति और भगवान विषय पर प्रवचन दिया। उन्होंने कहा कि भक्ति में श्रद्धा, प्रेम और समर्पण होना आवश्यक है। भगवान के चरित्र में ईश्वरत्व, श्री, ऐश्वर्य और वैराग्य है। यहां प्रमुख रूप से स्वामी राघवानंद, ब्रह्मचारिणी भगवती चैतन्य, डॉ. श्याम बाबू गुप्त और डॉ. एमपी मिश्रा उपस्थित थे। यहां स्वामी अद्वैतानंद जी ने गीता और भागवत के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला और बताया कि भक्ति सर्व सुखों की खान है।
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