बिहारशरीफ, मई 11 -- चित्रा की उपन्यासों में झलकती है महिलाओं की पीड़ा और बहुसंस्कृतिवाद कहानियों के माध्यम से पिरोया है मानवीय रिश्तों को इनकी हर रचना में परंपरा और आधुनिकता का समन्वय कोडरमा कैपिटल युनिवर्सिटी में बोले डॉ. शशिभूषण फोटो : नालंदा कोडरमा : कोडरमा कैपिटल यूनिवर्सिटी में छात्रा रेशु गुप्ता को शोध पत्र के साथ प्रमाण पत्र देते कुलपति डॉ. प्रमोद कुमार, बिहारशरीफ के डॉ. शशिभूषण कुमार व अन्य। बिहारशरीफ, निज संवाददाता। कोलकाता की मशहूर लेखिका चित्रा बनर्जी दिवाकरुणी की हर रचना में महिलाओं की पीड़ा और बहुसंस्कृतिवाद झलकता है। उन्होंने बहुत ही बारिकी से कहानियों के माध्यम से मानवीय रिश्तों को पिरोया है। इनकी हर रचना में परंरपरा और आधुनिकता का समन्वय दिखता है। उनकी सभी उपन्यासों में नारीवाद, बहुसंस्कृतिवाद, परंपरा और आधुनिकता, महिलाओं की...
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