बिजनौर, जुलाई 9 -- दस वर्षों के सरकारी चिकित्सकीय अनुभव वाले डॉक्टरों को एसोसिएट प्रोफेसर पद हेतु पात्र ठहराने का निर्णय चिकित्सा शिक्षा के भविष्य के लिए घातक है। चिकित्सा शिक्षण के लिए विशेष अकादमिक योग्यता, शोध कौशल और शिक्षण प्रशिक्षण आवश्यक होता है। यह बात इस मुद्दे पर जनजागरण अभियान के तहत बिजनौर दौरे पर आए नेशनल यूनाइटेड फ्रंट ऑफ डॉक्टर्स के संस्थापक डा. अनिल नौसरान ने कही। डा. अनिल नौसरान ने यहां इस मुद्दे पर निजी चिकित्सकों व मेडिकल कालेज के शिक्षकों से भी विमर्श किया। हिन्दुस्तान से बातचीत में उन्होंने कहा, कि नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) द्वारा एक तुगलकी निर्णय लिए जाने की जानकारी मिली है कि अब ऐसे सरकारी चिकित्सक जिन्हें 10 वर्षों का क्लीनिकल अनुभव है, उन्हें मेडिकल कॉलेजों में एसोसिएट प्रोफेसर जैसे महत्वपूर्ण शिक्षण पदों के लिए...
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