नई दिल्ली, दिसम्बर 31 -- कारोबार, मददगार, साझेदार, ये तीन शब्द भारत और बांग्लादेश के बीच रिश्तों को परिभाषित करते थे। हालांकि, 2024 के मध्य और खासतौर पर 2025 की शुरुआत से बने हालात अब तनावपूर्ण संबंधों का नया अध्याय लिखते नजर आ रहे हैं। पड़ोसी मुल्क की मौजूदा राजनीतिक स्थिति दक्षिण एशिया के दो बड़े सहयोगियों के बीच दरार की नई तस्वीर पेश कर रही है। शेख हसीना के तख्तापलट के बाद ढाका की सड़कों पर गूंजती बंटवारे के उकसावे वाली भारत विरोधी बयानबाजी, अल्पसंख्यकों पर हमलों से दशकों पुराने रिश्तों को कुछ महीने में ही खोखला होने का खतरा मंडरा रहा है। इसके अलावा मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस की अगुवाई में बांग्लादेश पाकिस्तान, चीन और तुर्किए के प्रति भी खुलकर रणनीतिक झुकाव अलग क्षेत्रीय समीकरण का निर्माण करता दिख रहा है। 2025 के अंतिम महीनों में भारत...