नई दिल्ली, नवम्बर 6 -- आंखों के मरीजों की संख्या बढ़ रही है, लेकिन देश में बुनियादी ढांचे, नेत्र रोग विशेषज्ञों, आंखों की जांच करने वाले डॉक्टरों और नेत्र तकनीशियनों की संख्या बेहद कम है। देश भर में 20,944 नेत्र रोग विशेषज्ञ (ऑप्थल्मोलॉजिस्ट) हैं। जबकि 2020 के लिए तय किए गए लक्ष्यों के मुताबिक इनकी संख्या कम से कम 25,000 होनी चाहिए थी। यही नहीं सरकारी स्तर पर नेत्र चिकित्सा केंद्रों की भी भारी कमी है। देश में 70.6 फीसदी नेत्र चिकित्सा केंद्र निजी हैं, जबकि सरकारी केंद्र सिर्फ 15.6 फीसदी है। दिल्ली एम्स के सामुदायिक नेत्र विज्ञान विभाग के प्रभारी अधिकारी डॉ. प्रवीण वशिष्ठ के नेतृत्व में भारत में द्वितीय और तृतीय स्तर की नेत्र चिकित्सा सेवाओं में मानव संसाधन और बुनियादी ढांचे की जरूरत और वर्तमान स्थिति का आंकलन करने के लिए देशभर में किए गए ...