लखनऊ, सितम्बर 21 -- दक्षिणांचल और पूर्वांचल विद्युत वितरण निगमों के निजीकरण के खिलाफ अभियंता आंदोलन और तेज करेंगे। रविवार को अभियंता संघ ने मेरठ में आयोजित चिंतन शिविर में इसका फैसला लिया। चिंतन शिविर में मुख्य वक्ता वक्ता ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन के चेयरमैन शैलेन्द्र दुबे ने कहा कि निजीकरण के बाद अभियंताओं की नौकरी के लिए दिए जा रहे तीनों विकल्प बिजली कर्मचारियों का भविष्य बर्बाद कर देंगे। निजीकरण के बाद बिजली कर्मचारियों को तीन विकल्प दिए जाने हैं। वे वीआरएस ले लें, तैनाती वाले डिस्कॉम की कंपनियों में ही काम करें या अपना तबादला बाकी बचे डिस्कॉम में करवा लें। शैलेंद्र दुबे ने तीनों ही विकल्पों का विश्लेषण करके बताया। उन्होंने कहा कि तीनों विकल्प कर्मचारियों के लिए ठीक नहीं हैं और इसीलिए निजीकरण किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं किया...
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