प्रयागराज, मार्च 7 -- प्रयागराज। सुप्रीम कोर्ट ने प्रयागराज के जिस प्रो. अली अहमद फातमी का मकान तोड़ने पर प्रदेश सरकार की खिंचाई की है, वो इलाहाबाद विश्वविद्यालय के उर्दू विभाग के अध्यक्ष रहे हैं। कार्रवाई के दौरान लूकरगंज स्थित उनकी बेटी का मकान भी गिराया गया था। मकान टूटने के बाद प्रोफेसर फातमी को मजबूरन अपनी बेटी के घर में शरण लेनी पड़ी थी। उर्दू साहित्य के जाने माने साहित्यकार प्रोफेसर फातमी के साथ ही अधिवक्ता जुल्फिकार हैदर और दो महिलाओं समेत पांच लोगों ने हाईकोर्ट से याचिका खारिज होने के बाद सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। घर गिराए जाने की इस घटना को दो दिन बाद ठीक चार साल हो जाएंगे लेकिन प्रो. फातमी इस दर्द से अब तक उबर नहीं पाए हैं। प्रो. फातमी कहते हैं कि उनका घर नहीं गिरा बल्कि उनकी पूरी दुनिया ही उजड़ गई। आठ मार्च 2021 को...