घाटशिला, अप्रैल 27 -- चाकुलिया: स्वच्छ भारत अभियान के दौर में स्वच्छता को लेकर शौचालय के महत्व से संबंधित सरकारी नारे " मन का मंदिर देवालय और तन का मंदिर शौचालय", बेटी देंगे उस घर में शौचालय होगा जिस घर में" खूब प्रचलित हुए। शहर से लेकर गांवों तक जागरूकता फैलाने के लिए इन नारों को दीवारों पर लिखा गया। घर - घर शौचालय निर्माण की सुनामी चली। मगर विडंबना है कि चाकुलिया नगर पंचायत कार्यालय के सामने भारत सरकार की भूमि पर बसे सबर परिवारों को खुले में शौच करने के लिए एक किलोमीटर दूर जंगल झाड़ियां में जाना पड़ता है। क्योंकि नगर पंचायत प्रशासन की उपेक्षा से इन गरीबों के लिए शौचालय नहीं बना है। यह स्थिति महिलाओं के लिए कष्टदायक बनी है। क्योंकि रात्रि में भी महिलाओं को शौच के लिए झाड़ियों में जाना पड़ता है। इसके लिए उन्हें भोर और शाम होने का इंतजार क...