घाटशिला, जुलाई 7 -- चाकुलिया: लगातार हुई बारिश के बाद हल्की धूप निखरते ही चाकुलिया प्रखंड क्षेत्र के प्राकृतिक साल जंगलों में प्रोटीन के पावर हाउस और देसी मटन कहे जाने वाले ( मशरूम) रूगड़ा की बहार आ गई है। रूगड़ा एक प्रमुख वनोत्पाद है और जंगल के आसपास रहने वाले ग्रामीण की बरसात के मौसम में आय का प्रमुख जरिया है। खासकर विलुप्त होती आदिम जन जाति सबरों के लिए रूगड़ा आय का प्रमुख स्रोत है। इस क्षेत्र में इस रूगड़ा को पुटका कहा जाता है। सोमवार को हल्की धूप निकली और प्रखंड की कालापाथर और सरडीहा पंचायत के पश्चिम बंगाल की सीमा से सटे साल जंगलों में मशरुम निकले। आज करीब तीन क्विंटल रूगड़ा निकला और 300 रूपये प्रति किलो की दर से बिका। यही रूगड़ा बड़े शहरों में 600 से 800 रूपये किलो की दर से बिकेगा।सुबह में कालापाथर पंचायत के बनकाटी, गोहालडीह और अन्य...
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