नई दिल्ली, जुलाई 7 -- डिजीटल युग में पेरेंटिंग बेहद चुनौतीपूर्ण हो गई है। ऐसे में बच्चों की डिवाइस पर कई तरह के पैरेंटल कंट्रोल की सुविधाएं उपलब्ध है। लेकिन हाल ही में हुए एक अध्ययन में सामने आया है कि 50 फीसदी अभिभावक अपने बच्चों की डिवाइस पर किसी तरह का पैरेंटल कंट्रोल नहीं रखते। अभिभावकों का मानना है कि बच्चों की निगरानी करने से बेहतर है उनके साथ संवाद कर उन्हें जिम्मेदार बनाया जाए। वहीं कुछ ने पैरेंटल कंट्रोल टूल की कई कमियों को भी इसकी वजह बताया। द फैमिली ऑनलाइन इंस्टीट्यूट (एफओएसआई) ने हाल ही में अपना ऑनलाइन सुरक्षा सर्वे जारी किया। सर्वे में तीन साल तक छह से 12 साल के 33 बच्चों को शामिल किया गया। उनसे साल में एक बार कंटेंट रेटिंग, ऑनलाइन सेफ्टी व प्राइवेसी आदि के बारे में पूछा गया। साथ ही उनके अभिभावकों से भी जानकारी जुटाई गई कि वह...
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