बाराबंकी, मार्च 23 -- सुबेहा। गुरु की महिमा अगम अपार है। वह ही जीवों को भव से पार कर सकते हैं। इसलिए मानव जीवन सफल बनाने के लिये प्रभु की प्राप्ति करने वाले सन्त सतगुरु की प्राप्ति करना जरूरी है। चरित्र मानव की सबसे बड़ी पूंजी है। सबसे पहले चरित्र जैसे धन को इक्ट्ठा करने की जरूरत है। यह बात जयगुरुदेव धर्म प्रचारक संस्था के मुख्यालय मथुरा से संस्थाध्यक्ष संत पंकज जी महाराज ने सुबेहा के निकट सतीचैरा बरगदहा में पहुंची जनजागरण यात्रा के दौरान कही। उन्होंने कहा कि संतों महात्माओं के सत्संग में किसी व्यक्ति विशेष की कोई निन्दा आलोचना नहीं की जाती है यहाँ तो भगवान की भक्ति के प्रति पे्ररणा दी जाती है। उन्होंने अंत में सबसे अनुरोध किया कि शाकाहारी रहें, शाकाहारी बनें, सभी बुराईयों की जड़ शराब आदि नशों को छोड़कर अच्छे समाज के निर्माण में भागीदार बनें...