मिर्जापुर, मई 29 -- जिगना। क्षेत्र के डंगहर गांव में चल रही भागवत कथा के चौथे दिन हरिद्वार से आए तपोनिष्ठ कथावाचक डा. दुर्गेश आचार्य ने श्रीकृष्ण जन्म व वामन अवतार की कथा सुनाकर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। कहा कि सत्कर्मवान व चरित्रवान की संगति में पूण्य उदय होता है। द्वापर में कंस अपनी चहेती बहन देवकी के साथ रथ पर सवार होकर कहीं जा रहा था। तभी आकाशवाणी हुई कि देवकी की आठवीं संतान तेरा संहार करेगी। भयभीत कंस ने बहन को मारने के लिए तलवार निकाल लिया। समझाने पर उसने देवकी और वासुदेव को कारागार में डाल दिया। श्रीहरि ने स्वयं देवकी के उदर से आठवीं संतान के रूप में जन्म लिया। देवकी के दूसरे जन्म में माता अदिति के गर्भ से बिष्णु भगवान ने बामन के रूप में अवतार लेकर राजा बलि का उद्धार किया था। कारागार में कंस ने देवकी की गोद से नवजात शिशु को छ...
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