नई दिल्ली, अक्टूबर 1 -- चरमपंथी हिंसा और आतंकवादी हमलों के मामलों में NCRB यानी राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों ने राहत दी है। ताजा स्थिति से पता चलता है कि साल 2022 की तुलना में 2023 में चरमपंथ, विद्रोह और आतंकवादी हिंसा के मामलों में भारी गिरावट दर्ज की गई है। हालांकि, एक ओर जहां आम नागरिकों की मौत की संख्या कम हुई है। वहीं, जान गंवाने वाले पुलिस और सैन्य कर्मियों की संख्या में इजाफा दर्ज किया गया है। आंकड़े बताते हैं कि साल 2022 में चरमपंथ, विद्रोह और आतंकवादी हिंसा के 446 मामले सामने आए थे, जो 2023 में घटकर 163 पर आ गए हैं। इनमें वामपंथी उग्रवाद, जिहादी आतंकवाद, पूर्वोत्तर में विद्रोह समेत कई क्षेत्र शामिल हैं। 2022 में जिहादी आतंकवादी घटनाओं के 126 केस थे, जो 2023 में घटकर 15 पर रह गए हैं। पूर्वोत्तर में विद्रोह के मामले 20...