विधि संवाददाता, मई 17 -- जमीन के विवाद के चलते विरोधियों को सबक सिखाने के लिए उनके खिलाफ हत्या के प्रयास, जानमाल की धमकी और एससी-एसटी एक्ट का फर्जी केस दर्ज कराने के मामले में अदालत ने वकील को दस साल की कैद की सजा सुनाई है। कोर्ट ने वकील पर 2.51 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है। पुलिस ने जांच में मामला झूठा मिलने पर कार्रवाई की सिफारिश की थी। निर्णय के साथ ही अदालत ने यह टिप्प्णी भी की। अदालत ने कहा कि चतुर शिकारी शिकार करते समय ऐसी चालें चल देता है जिससे वह अपने ही जाल में फंसता है। यह फैसला एससी-एसटी एक्ट के विशेष न्यायाधीश विवेकानन्द शरण त्रिपाठी ने सुनाया है। कोर्ट ने आदेश दिया है कि सभी सजाएं अलग-अलग चलेंगी। कोर्ट ने पुलिस कमिश्नर और डीएम को आदेश दिया है कि यदि दलित उत्पीड़न का मुकदमा दर्ज करने के बाद कोई धनराशि दी गई हो तो उसे तत्क...