बरेली, दिसम्बर 30 -- बरेली। पौष मास की शुक्ल पक्ष एकादशी को पुत्रदा एकादशी कहा जाता है। इस दिन निसंतान जातकों की व्रत-पूजन करने से संतान की कामना पूर्ण होती है। यह दिन जगत के पालनहार भगवान विष्णु को समर्पित है। आचार्य मुकेश मिश्रा ने बतााया कि वैदिक पंचांग के मुताबिक पौष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि का आरंभ 30 दिसंबर को सुबह 07:51 बजे होगा और समापन 31 दिसंबर को सुबह पांच बजे होगा। मान्यता के अनुसार एकादशी का व्रत 10वीं बेदी में नहीं किया जाता है और यह व्रत द्वादशी विधि में करने का विधान है। इसलिए इस बार यह व्रत 31 दिसंबर बुधवार को होगा। पुत्रदा एकादशी पर सिद्ध, शुभ, रवि योग और भद्रावास योग समेत कई दुर्लभ और मंगलकारी संयोग बन रहे हैं। इनमें भगवान विष्णु की पूजा करना शुभ फलदायी रहेगा। सबसे खास बात यह है कि इस बार एकादशी के दिन सूर्य मंग...