बगहा, जुलाई 26 -- बांस से चचरी बनाने वाले गरीब तबके के लोगों की कई प्रकार की समस्याएं हैं। बेतिया शहर के आलोक भारती स्कूल के पास सड़क के किनारे कई ऐसे परिवार हैं जो पीढ़ी दर पीढ़ी बांस से चचरी बनाने का काम कर रहे हैं। इन लोगों के पास आज भी आय, स्वास्थ्य सुविधाओं व प्रशिक्षण की कमी, बेहतर बाजार की अनुपलब्धता, बिना शेड खुले में दुकान लगाने की मजबूरी और उत्पादित माल की खपत नहीं होने की समस्या है। इन सबके बीच इन कारीगरों को अपने जीवन निर्वाह तथा रोजमर्रा की जिंदगी में तरह-तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। बेतिया शहर में भवन निर्माण द्वारा दौरान कई मंजिले मकान का प्लास्टर करने के लिए इस प्रकार की बांस से तैयार की गयी चचरी की आवश्यकता पड़ती है। दैनिक मजदूर जब मकान का प्लास्टर करते हैं तो इसी चचरी के सहारे कई मंजिलों पर पहुंचकर मकान के...
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