विकासनगर, जून 13 -- चकराता के कुथनोई नदी किनारे स्थित सरोका में मौण मेला धूमधाम से मनाया गया। इस दौरान खत स्याणा और लोगों ने तिमूर का तिलक लगाकर बउरा देवता (पशुओं की रक्षक देवता) मंदिर में पूजा अर्चना की। शाम के समय परंपरागत लोक संस्कृति का भव्य कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें स्थानीय लोक कलाकारों ने अपनी प्रस्तुति देकर सबको नाचने पर मजबूर कर दिया। जौनसार बावर, जौनपुर रवाईं में मौण का अर्थ मत्स आखेट होता है। परंतु सरोका मौण मे मत्स आखेट नहीं होता यह एक मेला है। जहां शिरवा गांव वासियों ने मंदिर का नवनिर्माण किया है। इस मंदिर की पूजा अर्चना व परिक्रमा करने के पश्चात लोक नृत्य व गीत प्रस्तुत किए जाते हैं। प्राचीन काल में इस मौण मेले का आयोजन पूजा आदि केवल शिरवा गांव के लोग करते थे। परंतु धीरे-धीरे संपूर्ण बणगांव खत इस मौण मेले में शामिल हो...