बिहारशरीफ, दिसम्बर 24 -- चंपारण ने ही मोहनदास को बनाया जननायक: अरविंद मोहन जिस चरखे से मैनचेस्टर हिला, उसी देश में आज भी धागे के लिए हम विदेश पर निर्भर: पुष्यमित्र राजगीर (नालंदा), हिन्दुस्तान टीम। 'यह कहना अधूरा सच है कि गांधी ने बिहार को बदला। हकीकत यह है कि जैसे गांधी ने बिहार को गढ़ा, वैसे ही बिहार ने भी गांधी को गढ़ा। चंपारण वह प्रयोगशाला थी, जिसने मोहनदास को ड्राइंग रूम के नेता से निकालकर जननायक बना दिया।' यह अहम टिप्पणी वरिष्ठ पत्रकार अरविंद मोहन ने नालंदा साहित्य उत्सव के सत्र 'चरखा से चौपाल तक' में की। उन्होंने कहा कि गांधी ने भारतीय गांवों की चौपाल संस्कृति को समझा और राजनीति को सीधे जनता के आंगन तक पहुंचाया। गांधी ने केवल सत्याग्रह नहीं किया, बल्कि 10 महीने रहकर कुआँ-तालाब की सफाई और मलेरिया से बचाव जैसे मुद्दों को भी आंदोलन का...
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