नई दिल्ली, मार्च 8 -- 14 मार्च को होली वाले दिन चंद्र ग्रहण होगा। चंद्र ग्रहण का बहुत अधिक ज्योतिष, धार्मिक और वैज्ञानिक महत्व होता है। धार्मिक दृष्टि से देखा जाए तो चंद्र ग्रहण का कारण राहु-केतु माने जाते हैं। ज्योतिष विद्या के अनुसार, ये ग्रहण केतु के कारण लगने वाला है। राहु और केतु छाया ग्रहों को सांप की भांति माना गया है, जिनके डसने पर ग्रहण लगता है। वहीं, कुछ लोगों का मानना है कि जब राहु और केतु चंद्रमा को निगलने की कोशिश करते हैं तब चंद्र ग्रहण लगता है। वहीं वैज्ञानिक दृष्टि से जब चंद्रमा, पृथ्वी और सूर्य एक सीधी रेखा में आ जाते हैं, तो इस दौरान सूर्य का प्रकाश पृथ्वी पर पड़ता है, लेकिन चंद्रमा पर नहीं पड़ता है। इस घटना को ही चंद्र ग्रहण कहते हैं। चंद्र ग्रहण पर शनिदेव शनि कुंभ राशि में रहेंगे। शनिदेव के कुंभ राशि में रहने से शश योग...
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