गोरखपुर, सितम्बर 8 -- गोरखपुर, निज संवाददाता। रविवार की रात करीब 9:57 बजे चंद्र ग्रहण लगने के 9 घंटे पहले दिन में 12:57 पर सूतक लगने से शहर के प्रमुख मंदिरों में परंपरा के अनुसार मंदिरों का कपाट बंद कर दिया गया। सूतक काल की शुरुआत होते ही गोरखनाथ मंदिर, काली मंदिर, विष्णु मंदिर और अन्य धार्मिक स्थलों पर पूजा-अर्चना व दैनिक अनुष्ठान रोक दिया गया। पंडित शरद चंद्र मिश्रा ने बताया कि ग्रहण खत्म होने के बाद सोमवार सुबह पूरे मंदिर परिसर का गंगाजल और मंत्रोच्चारण से शुद्धिकरण किया जाएगा। इसके उपरांत ही श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए खोले जाएंगे। रात में चंद्र ग्रहण लगने के पहले दिन में ही सूतक लगने के बाद लोगों ने खाने पीने की वस्तुओं में तुलसी के पत्ते डालकर रख दिए। शाम 9 बजे के पहले लोगों ने भोजन आदि भी कर लिया। ग्रहण के दौरान कई घरों में लोग भजन...