नई दिल्ली, फरवरी 10 -- भारत का चंद्रयान-3 स्पेसक्राफ्ट साल 2023 में चंद्रमा के शिव शक्ति प्वाइंट पर लैंड हुआ था। अब वैज्ञानिकों का कहना है कि चांद के दक्षिणी पोल की यह सतह करीब 3.7 बिलियन (3 अरब से ज्यादा) साल पुरानी है। स्टडी के दौरान हाई-रिजोल्यूशन वाले रिमोट सेंसिंग डेटासेट्स की मदद ली गई। इसमें वैज्ञानिकों की एक टीम लगी हुई थी जिसमें बेंगलुरु स्थित इसरो के इलेक्ट्रो ऑप्टिक्स सिस्टम सेंटर, अहमदाबाद स्थित फिजिकल रिसर्च लेबोरेटरी और चंडीगढ़ की पंजाब यूनिवर्सिटी के एक्सपर्ट्स शामिल थे। इन लोगों ने चंद्रयान-3 की लैंडिंग साइट यानी शिव शक्ति प्वाइंट का मैप तैयार किया। यह भी पढ़ें- कब लॉन्च होगा चंद्रयान 4? सरकार ने बताया समय, पूरा मिशन भी समझाया यह भी पढ़ें- साधारण परिवार, IIT से एमटेक और चंद्र मिशन में अहम भूमिका, कौन हैं ISRO के नए चीफ अध्...
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