नई दिल्ली, सितम्बर 1 -- नई दिल्ली, वरिष्ठ संवाददाता। चंद्रग्रहण जैसी खगोलीय घटना वैज्ञानिकों को पृथ्वी के वायुमंडल और प्रदूषण का अध्ययन करने में मदद कर सकती है। विशेषज्ञों का कहना है कि ग्रहण के समय चांद का रंग वातावरण की स्थिति को दर्शाता है। यदि हवा प्रदूषित होगी तो चांद हल्का भूरा या गहरा नजर आएगा, जबकि स्वच्छ वातावरण में यह चमकीला नारंगी या लाल दिखाई देगा। इस आधार पर वैज्ञानिक वायुमंडल में मौजूद धूलकण, प्रदूषण और उसमें होने वाले बदलावों की गहन जानकारी जुटा सकेंगे। विशेषज्ञों के अनुसार यह अध्ययन केवल स्थानीय नहीं, बल्कि दुनियाभर में वायु प्रदूषण और ज्वालामुखीय विस्फोटों के असर को समझने में भी सहायक होगा। चंद्रग्रहण को वातावरण की गुणवत्ता जांचने का एक प्राकृतिक परीक्षण बताया गया है। इस बार भारतीय ताराभौतिकी संस्थान (आईआईए) और भारतीय भूच...