औरंगाबाद, सितम्बर 7 -- दाउदनगर की पहचान बन चुका ऐतिहासिक जिउतिया नकल पर्व इस वर्ष विशेष परिस्थितियों में आरंभ हुआ। अनंत चतुर्दशी के दूसरे दिन जब चंद्रग्रहण का सूतक काल चल रहा था, तभी श्रद्धा और उत्साह के बीच इस पर्व की शुरुआत की गई। परंपरा के अनुसार, जीमूतवाहन भगवान के चार प्रमुख चौकों पर ओखली रखे जाने से इस पर्व का आरंभ होता है, लेकिन इस बार ग्रहण के कारण परंपराओं में आंशिक बदलाव देखने को मिला। चंद्रग्रहण का आरंभ दिन के समय हुआ, जिससे मंदिरों और घरों में धार्मिक अनुष्ठानों पर रोक लगी। सूतक काल के चलते पूजा-पाठ, स्नान और दान जैसे कार्य नहीं किए गए। इसी कारण रविवार को चारों मंदिरों में पूजा-अर्चना संभव नहीं हो सकी। पुरानी शहर स्थित जिउतिया मंदिर पर ही ओखली रखी गई, जबकि कसेरा टोली स्थित जिउतिया चौक पर मटकोड की परंपरा निभाने के बाद ओखली स्था...