रुद्रपुर, जून 3 -- काशीपुरlएक तू सच्चा तेरा नाम सच्चा मंत्र के ऋषि सत्पुरुष बाबा फुलसन्दे वालों ने कहा -कि चित्त सदा चंचल है lइसमें बहुत से विकार आते रहते हैं इसमें ज्ञान क्षण भर को ठहरता है, इसमें ज्ञान ज्योति को रोक कर रखना कठिन है और इसका निवारण करना भी दुष्कर है। ऐसे चित्त को ज्ञानी पुरुष उसी प्रकार सीधा करता है जैसे बाण बनाने वाला लोहार यत्न पूर्वक बाण को आग में तपा कर छेद कर अनेक प्रयास करके उसे ठीक करता है। मंगलवार को बाबा फुल संदे वाले तीन दिवसीय सत्संग के पहले दिन रामलीला मैदान सभागार में संबोधित कर रहे थे l कहा जिसका मन अस्थिर है जो धर्म आचरण को नहीं जानता, जिसकी श्रद्धा अस्थिर है उसकी बुद्धि भी पूर्ण नहीं हो सकती ना उसे सुख प्राप्त हो सकता है। मनुष्य क्रोध में बहुत कुछ अनर्थ कर डालता है अगर वह धैर्य रखें तो बहुत से संकट और आपदा...
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