चित्रकूट, दिसम्बर 28 -- चित्रकूट। संवाददाता कोषागार घोटाले की जांच में ईडी की इंट्री के बाद गबन में शामिल विभागीय अधिकारियों से लेकर कर्मचारियों, दलालों और पेंशनरों की धड़कनें तेज हो गई हैं। खासकर गबन में हिस्सा लेकर करोड़ों की अकूत संपत्तियां अर्जित करने वाले विभागीय अधिकारी व कर्मचारी खासे परेशान नजर आ रहे हैं। कोषागार से एक सप्ताह पहले दस्तावेज मंगवाने के बाद ईडी ने अब तक इनका अध्ययन किया है। अब ईडी की नजर कोषागार में तैनात रहे अधिकारियों-कर्मचारियों ने घोटाले के दौरान जो भी संपत्तियां बनाई हैं, उन पर है। पिछले सात साल के भीतर 93 पेंशनरों के खातों में अनियमित भुगतान कर 43 करोड़ 13 लाख रुपये का गबन किया गया है। अभी तक करीब चार करोड़ की धनराशि ही रिकवर हो पाई है। धनराशि रिकवर न होने की वजह से ही घोटाले की जांच में ईडी की इंट्री मानी जा रही ह...