पटना, जुलाई 21 -- उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने कहा है कि वर्ष 1992 में तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद और 2005 में टीएमसी सांसद ममता बनर्जी ने घुसपैठियों को देश से बाहर निकालने की वकालत की थी, लेकिन आज वोट बैंक की राजनीति के दबाव में यही लोग लाखों घुसपैठियों को मतदाता सूची में बनाए रखना चाहते हैं। इसलिए ये मतदाता सूची के गहन पुनरीक्षण का विरोध कर रहे हैं। श्री चौधरी ने सोमवार को जारी बयान में कहा कि लालू प्रसाद और ममता बनर्जी की कथनी और करनी में अंतर को बिहार की जनता देख रही है। पुनरीक्षण अभियान का उद्देश्य अवैध रूप से मतदाता सूची में शामिल लोगों की पहचान करना है, ताकि चुनाव प्रणाली की पवित्रता बनी रहे। उन्होंने कहा कि साल 1992 में तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद तत्कालीन गृह मंत्री एसबी चौहान द्वारा दिल्ली में बुलाई गई उच्चस्तरीय बैठक...