जमशेदपुर, फरवरी 12 -- खेल या अन्य घटनाओं में घुटने के मिनिस्कस (अंदर का गद्दानुमा भाग) में चोट लगने के बाद लोग सामान्य डॉक्टरों से इलाज करा लेते हैं या घरेलु इलाज करते हैं। हड्डी के विशेषज्ञ डॉक्टर के पास नहीं जाने के कारण उनकी परेशानी बढ़ जाती है। इसके बाद ऑपरेशन कराने पर भी उन्हें लाभ नहीं मिलता है। ऐसे में मरीज आर्थेराइटिस का शिकार हो जाते हैं और उनपर बुढ़ापा झलकने लगता है। ये बातें रांची के ज्वाइंट रिप्लेसमेंट और स्पोर्ट्स इंजरी के विशेषज्ञ डॉ. निर्मल कुमार ने कही। वे झारखंड ऑर्थोपेडिक एसोसिएशन के कार्यक्रम में शामिल शहर आए हुए थे। उन्होंने बताया कि खेल या अन्य घटनाओं में घुटने के चोट में लिगामेंट और मिनिस्कस में दरार या प्रभावित होना आम बात है। लोग इसकी अनदेखी कर देते हैं। ऐसे में समय से इलाज महत्वपूर्ण है। देर से ऑपरेशन कराने के बाद...